सम्मान और अधिकार के लिए अति पिछड़ा समाज ने किया आवाज बुलंद, चिंतन शिविर में समाज के उत्थान को लेकर हुई चर्चा

पटना : अति पिछड़ा एकीकरण महाअभियान के तत्वावधान में पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में शोषित वंचित अतिपिछड़ा वर्ग चिंतन शिविर का आयोजन सकुशल संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ अति पिछड़ा एकीकरण महाअभियान के मुख्य राष्ट्रीय संयोजक अनिल कुमार प्रजापति, बिहार के मुख्य संयोजक डॉ. शिलेंद्र कुमार, संयोजक मुकुल आनंद एवं कानू समाज के अध्यक्ष कुंदन गुप्ता ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अति पिछड़ा एकीकरण महाअभियान के संयोजक मुकुल आनंद ने कहा कि शोषित वंचित अति पिछड़ा समाज की आबादी देश में समानांतर रूप से 40 प्रतिशत से कम नहीं है यानी हक, अधिकार एवं सामाजिक न्याय का रोना रोने के बजाय अति पिछड़ा वर्ग यदि टुकड़े टुकड़े गैंग में बांटने – बंटने के अलावा एकीकरण के रास्ते पर चल पड़ता है तो बिहार ही नहीं बल्कि केंद्र की राजनीति में पूर्ण बहुमत से आने में कोई रोक नहीं पाएगा और स्वयं संवैधानिक नीति निर्धारण करके निचले पायदान के लोगों को आसानी से विकास की मुख्यधारा से जोड़ने में सफल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अति पिछड़ा एकीकरण महाअभियान एक देशव्यापी जन आंदोलन है जिसका ग्यारहवां पड़ाव 22 व 23 मार्च 2025 को झारखंड की राजधानी रांची में प्रस्तावित है।  कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे एकीकरण महाअभियान बिहार के मुख्य संयोजक डॉ. शिलेन्द्र कुमार ने विशेष रूप से 40 प्रतिशत आबादी के एकजुटता के लिए उपस्थित समुदाय को एकत्रित होने पर बल दिया एवं विशेष रूप से ध्यान आकर्षित कराते हुए कहा कि संघे शक्ति कलियुग।

यानी एकजुटता से ही पद प्रतिष्ठा, सम्मान, अधिकार प्राप्त हो सकता है। डॉ. शिलेन्द्र कुमार ने कहा कि अति पिछड़ा समाज आबादी में सबसे बड़ी गिनती में होने के बाद भी राजनीतिक शून्यता का शिकार क्यों हो गई। यह गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि अति पिछड़ा समाज के उत्थान के लिए अपने जीवन की आहुति देने को तैयार हूँ। आबादी के अनुसार राजनीतिक एवं हर स्तर पर भागीदारी, अति पिछड़ा उत्पीड़न निवारण क़ानून, रोहिणी आयोग के अनुसार पिछड़े वर्ग का उपवर्गीक़रण, भूमिहीन अति पिछड़ों को 5 डिसमिल ज़मीन उपलब्ध कराना और स्वरोज़गार के लिए बिना गारंटी के 25 लाख का ऋण मुहैया कराने के लिए हर स्तर पर काम करूँगा। अपने संबोधन में अति पिछड़ा एकीकरण महाअभियान के मुख्य राष्ट्रीय संयोजक अनिल कुमार प्रजापति ने अति पिछड़ा समाज को आह्वान करते हुए कहा कि “याचना नही अब रण होगा” “जीवन या मरण होगा” इस संकल्प को याद रखें और सभी कामों के साथ – साथ हम पद, प्रतिष्ठा और सम्मान प्राप्त करने का चिंतन व विचार करें। साथ ही उन्होंने यह भी घोषणा किया कि मार्च 2025 में आज तक के सभी रैलियों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए लाखों लोगों की भीड़ गांधी मैदान में इकट्ठी की जाएगी ताकि ये बहरी और अंधी सरकार अति पिछड़ा के हक और अधिकार की बात को सुन सके। इस अवसर पर सुजाता शर्मा, पंकज गुप्ता, विद्या भूषण शर्मा, दिवाकर शर्मा, मदन गोपाल पंडित, जितेंद्र ठाकुर, के पी सिंह, अनिल प्रजापति, चंद्रेश मंडल, हिसामुद्दीन अंसारी, बीरू चौहान, गुलाब प्रसाद ठाकुर, नीतू सिंह निषाद, रूपेश पंडित, कविंद्र कुमार पाल आदि लोगों ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। मौके पर अति पिछड़ा एकीकरण महाअभियान से जुड़े हजारों लोगों की मौजूदगी रही।

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